A Secret Weapon For Shiv chaisa
A Secret Weapon For Shiv chaisa
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
लिङ्गाष्टकम्
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - Shiv chaisa भजन
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
भजन: shiv chalisa lyricsl शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
बृहस्पतिदेव की कथा
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥